अंतिम निशा में होली गीत गाकर मालिनी अवस्थी ने बांधा समा, झूम उठे श्रोता
कई वर्षों के बाद मशहूर लोक गायिका मालिनी अवस्थी(Malini Awasthi) ने वाराणसी में समा बांध दिया। यह मौका था छह दिवसीय महाशिवरात्रि संगीत महोत्सव के अंतिम निशा कार्यक्रम का। इस मौके पर पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने राजघाट पर ऐसी प्रस्तुति दी कि यहां मौजूद हर किसी के पैर अपने-आप थिरकने लगे। होली गीत गाकर मालिनी अवस्थी ने हर किसी का दिल जीत लिया।
इसे बताया बड़ा सौभाग्य
अंतिम निशा में अपनी प्रस्तुति के दौरान मालिनी अवस्थी(Malini Awasthi) ने यह माना कि वाराणसी में प्रस्तुति देने से बड़ा सौभाग्य उनके लिए और कोई भी नहीं हो सकता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रस्तुति में यदि होली गीत न हो तो भला इसके बिना यह कैसे पूर्ण हो सकता है। इस दौरान मालिनी अवस्थी ने जब ‘होली खेले मसाने में’ नामक होली गीत गाया तो हर कोई झूम उठा।
ये भी रहे मौजूद
इतना ही नहीं, वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल के साथ पर्यटन व धर्मार्थ कार्य राज्यमंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी आदि की मौजूदगी में उन्होंने ‘रंगवा अउरी अबीर खेलब भिजली बदनवा’ नामक गीत की भी प्रस्तुति दी। साथ में उन्होंने होली गीत ‘होली खेलेले होरिला अवध में’ भी प्रस्तुत किया, जिसे सुनने के बाद आयोजन स्थल का हर कोना तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
बच्चियों को मंच पर बुलाया
मालिनी अवस्थी मंच पर प्रस्तुति दे रही हों और वे मौजूद लोगों को इसका हिस्सा न बनाएं, ऐसा हो ही नहीं सकता। अंतिम निशा कार्यक्रम के दौरान भी उन्होंने कई बच्चियों को अपने साथ मंच पर बुला लिया और उनके साथ भी मिलकर उन्होंने प्रस्तुति दी।
काशी में उत्तर वाहिनी गंगा नदी के राजघाट पर आयोजित महाशिवरात्रि महोत्सव के समापन समारोह में पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने अपने लोक गायन से सभी श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। #Mahashivratri #Varanasi #Kashi #MahashivratriMahotsav pic.twitter.com/Q5dtHIioK7
— UP Tourism (@uptourismgov) March 16, 2021
मोबाइल का टॉर्च जलाकर किया सम्मान
अंतिम निशा कार्यक्रम में मालिनी(Malini Awasthi) अवस्थी की यह प्रस्तुति लोगों को इतनी पसंद आई कि मोबाइल का टॉर्च जलाकर वे उनका सम्मान करते हुए भी नजर आए। पति-पत्नी के प्रेम पर आधारित गीत ‘रेलिया बैरन पिया को लिए जाए रे’ जब लोक गायिका ने गाया, तो इसके बाद हर कोई अपने पैर थिरकाने लगा।
कला के नाम पर बंद हो अश्लीलता
मालिनी अवस्थी(Malini Awasthi) ने इस दौरान ने यह भी कहा कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर जो हमला हो रहा है, उसे बिल्कुल भी सहन नहीं किया जा सकता। कला के नाम पर अश्लीलता परोसे जाने पर पूरी पाबंदी होनी ही चाहिए।