वाराणसी से आज कोलकाता लौट रहा एलबीएस जलपोत, साथ ले जा रहा धान की भूसी
लाल बहादुर शास्त्री (एलबीएस) जलपोत कार्गो, जो कि बीते गुरुवार को वाराणसी के राल्हुपुर रामनगर बंदरगाह पहुंचा था, आज वह धान की भूसी लेकर कोलकाता के लिए रवाना हो रहा है। जलपोत पर धान की भूसी को भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों की निगरानी में जेसीबी मशीन की मदद से लादा जा रहा है।
बीते 14 फरवरी को ही लाल बहादुर शास्त्री जलपोत रामनगर बंदरगाह पहुंच जाता, लेकिन पीपा पुल की वजह से इसे 2 दिन गाजीपुर में लग गए। इसके बाद गंगा नदी का जलस्तर घटने की वजह से वाराणसी की सीमा पर स्थित चंद्रावती में भी 2 दिनों के लिए इसका ठहराव करना पड़ा था।
कोलकाता से खाली ही आया था
कोलकाता से यह जलपोत खाली ही आया था, क्योंकि इसे यहां से आईबीएफ एग्रो के लिए धान की भूसी ले जानी थी। पहले ही माल धुलाई के लिए आईबीएफ ने इसकी बुकिंग करवा ली थी। वाराणसी से जो भूसी कोलकाता जा रही है, राइस ब्राउन ऑयल और अल्कोहल आदि के अलावा कई औद्योगिक इकाइयों में इसे इस्तेमाल में लाया जाएगा।
पटना में भी ठहराव
राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या-1 से जलपोत का वाराणसी में आगमन हुआ है। जलपोत जिसकी कार्गो भेजने की क्षमता 300 टन की है, इस पर वाराणसी से 40 टन धान की भूसी लादी जा रही है। यहां से रवाना होने के बाद पटना में भी इसका ठहराव होगा, जहां इस पर और भी कार्गो लादे जाएंगे।
व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए
व्यापारियों को अधिकाधिक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से जलमार्ग की फेरी में लगातार इजाफा किया जा रहा है। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक इससे प्राधिकरण को कोई बहुत बड़ा लाभ तो नहीं मिलेगा, लेकिन व्यापारियों का फायदा होने से शहर के विकास को गति जरूर मिलेगी।