राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का डिग्रियां घर भेजने का विश्वविद्यालयों को निर्देश, दीक्षांत समारोह में कही ये बात

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का डिग्रियां घर भेजने का विश्वविद्यालयों को निर्देश, दीक्षांत समारोह में कही ये बात

उत्तर प्रदेश में जितने भी ऐसे स्टूडेंट्स ऐसे हैं, जिन्हें अपने-अपने विश्वविद्यालयों से डिग्री नहीं मिल पाई है और वे इन्हें लेने के लिए नहीं जा पा रहे हैं, विश्वविद्यालय तत्काल उनकी डिग्रियां स्पीड पोस्ट से भिजवाने की व्यवस्था करें। यह निर्देश उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के 38वें दीक्षांत समारोह में दीक्षांत भाषण के दौरान दिए। साथ ही राज्यपाल ने इसके पूरा हो जाने के बाद इसके बारे में उन्हें सूचना देने के लिए भी कहा है।

संस्कृत की उपेक्षा पर जताया खेद

आनंदीबेन पटेल ने संस्कृत और सनातन संस्कृति को देश को एकता के सूत्र में बांधने वाला बताते हुए कहा कि लंबे अरसे से संस्कृत भाषा की हो रही उपेक्षा अत्यंत खेद का विषय है। साथ ही आनंदीबेन पटेल ने नई शिक्षा नीति में संस्कृत के अध्ययन को बढ़ावा दिए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि संस्कृत भाषा के संवर्धन के लिए सरकार भी प्रयास कर रही है, क्योंकि यह महज एक भाषा ही नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की आत्मा भी है।

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विश्व कल्याण की भाषा है संस्कृत

दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि विदेश मंत्रालय में अपर सचिव और मालदीव में भारत के पूर्व राजदूत रह चुके अखिलेश मिश्रा थे, जिन्होंने भारतीय संस्कृति से संस्कृत का अटूट रिश्ता बताते हुए कहा कि संस्कृत देववाणी है और यह विश्वकल्याण की भी भाषा है।

मीना कुमारी ने जीते 10 पदक

दीक्षांत समारोह के दौरान 29 मेधावी स्टूडेंट्स को 58 स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया गया। आचार्य परीक्षा में मीना कुमारी ने विश्वविद्यालय में टॉप किया, जिन्होंने 10 पदक जीते। मीना कुमारी भदोही की रहने वाली हैं। वहीं, आशुतोष मिश्र और सुमित्रानंदन चतुर्वेदी ने भी आचार्य परीक्षा में ही पांच-पांच पदक हासिल किए। शंकर वेदांत में भुवनेश्वर चैतन्य को 4 पदक प्राप्त हुए। पंडित रामयत्न शुक्ल को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने महामहोपाध्याय की उपाधि भी इस दौरान प्रदान की।

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दीक्षांत समारोह में अतिथियों का स्वागत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर राजाराम शुक्ल ने किया। साथ में उन्होंने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। कुलसचिव राजबहादुर कार्यक्रम का संचालन करते हुए नजर आए।

टीम वाराणसी मिरर

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