वाराणसी के म्यूजियम को देखकर होता है शहर की प्राचीनता का एहसास
शहर की समृद्ध विरासत से रु-ब-रु कराते वाराणसी के म्यूजियम
काशी नाम है इसका। यह नगरी है बाबा विश्वनाथ की। बनारस भी नाम है इसका। यह नगर है देवों के देव महादेव का। वाराणसी भी कहते हैं इसे। यह शहर है धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों का, जिन्हें देखने के लिए दुनियाभर से लोग खिंचे चले आते हैं। और शहर का इन पर्यटकों से असली परिचय कराते हैं वाराणसी के म्यूजियम (Varanasi museum)।
वाराणसी शहर कैसे अस्तित्व में आया? कब, किसने इस बसाया? काशी और बनारस भी यह क्यों कहलाया? कब-कब किसने यहां शासन किया? आपके ऐसे अनगिनत सवालों के जवाब आपको मिल जाएंगे, जब आप घूमने निकलेंगे वाराणसी के म्यूजियम। तो देर किस बात की, लीजिए यहीं हम करवा देते हैं इन सभी से एक-एक करके आपका परिचय।
भारत कला भवन
परिचय: वाराणसी के म्यूजियम (Varanasi museum) की बात निकले और सबसे पहले बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के कैम्पस में स्थित इस संग्रहालय का नाम न लिया, ऐसा भला कैसे हो सकता है? वर्ष 1920 में स्थापित इस म्यूजियम में आपको दो फ्लोर्स में एक लाख से भी अधिक ऐतिहासिक वस्तुएं देखने के लिए मिल जाएंगी।
पता: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU), इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के सामने।
कब आएं घूमने: सोमवार से शनिवार सुबह 10:30 से शाम 4:30 बजे तक। रविवार बंद।
एंट्री फीस: भारतीय पर्यटकों के लिए 20 और विदेशियों के लिए 250 रुपये।
हस्तकला संकुल म्यूजियम
बनारस की हस्तकला का इतिहास आपको यदि अच्छी तरह से जानना है, तो दीनदयाल हस्तकला संकुल में स्थित हस्तकला संकुल म्यूजियम आपको एक बार जरूर आना चाहिए। यहां आपको अलग-अलग समय के कलाकारों की कलाकृतियां और उनकी पेंटिंग्स आदि भी देखने के लिए मिल जायेंगी, जो न केवल अपने आप में अनूठी हैं,बल्कि आपकी आंखों को बड़ा सुकून देने वाली भी हैं।
पता: बड़ा लालपुर, चांदमारी, वाराणसी।
कब आएं घूमने: मंगलवार से रविवार सुबह 11:30 से शाम 7:30 बजे तक। सोमवार बंद।
एंट्री फीस: कोई प्रवेश शुल्क नहीं।
रामनगर किला म्यूजियम
गंगा नदी के किनारे स्थित रामनगर का किला तो अपने आप में अनूठा और बेहद प्राचीन है ही, जिसका इस्तेमाल महाराजाओं द्वारा भी कभी किया जाता था, मगर इस किले के अंदर मौजूद म्यूजियम में भी आपको तरह-तरह की पुरातात्विक चीजें और एस्टॉनोमिकल इक्विपमेंट आदि देखने के लिए मिल जाते हैं, जो आपके नॉलेज को और समृद्ध बनाने का काम करते हैं।
पता: रामनगर, वाराणसी।
कब आएं घूमने: रोजाना सुबह 10:00 से शाम 5:00 बजे तक।
एंट्री फीस: भारतीय पर्यटकों के लिए 50 और विदेशियों के लिए 200 रुपये। भारतीय बच्चों (5 से 12 साल) एवं स्टूडेंट्स के लिए 20 और विदेशी बच्चों (5 से 12 साल) के लिए 100 रुपये।
लाल बहादुर शास्त्री फैमिली होम म्यूजियम
भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जब बच्चे थे, तो वे वाराणसी में रामनगर के नजदीक स्थित अपने नाना के घर में रहे थे। उनका घर आज म्यूजियम में तब्दील हो गया है और इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते हैं।
पता: रामनगर, जनकपुर, वाराणसी।
कब आएं घूमने: बुधवार से सोमवार सुबह 10:00 से शाम 5:00 बजे तक। मंगलवार बंद।
एंट्री फीस: कोई प्रवेश शुल्क नहीं।
सारनाथ म्यूजियम
सारनाथ वाराणसी की पहचान में से एक है और सारनाथ में मौजूद म्यूजियम को पुरातात्विक संग्रहालय के नाम से भी जाना जाता है। वाराणसी के म्यूजियम (Varanasi museum) में यह सबसे पुराना है, जहां पर कि आपको बौद्ध एवं हिंदू धर्म के 6 हजार से भी अधिक पुरातात्विक वस्तुएं देखने के लिए जाती हैं। साथ में यहां के मंदिर भी घूमने लायक हैं।
पता: सारनाथ, वाराणसी।
कब आएं घूमने: शनिवार से गुरुवार सुबह 9:00 से शाम 5:00 बजे तक। शुक्रवार बंद।
एंट्री फीस: 15 रुपये और बच्चों (15 साल से कम) के लिए 5 रुपये।
काशी धाम म्यूजियम
परिचय: वाराणसी के म्यूजियम (Varanasi museum) में शहर के बीचोंबीच स्थित काशी धाम म्यूजियम भी खास स्थान रखता है, क्योंकि यहां भी वाराणसी की ऐतिहासिक हस्तकलाओं का नायाब कलेक्शन मौजूद है, जिसे देखकर शहर की संस्कृतिक विरासत का अंदाजा आपको हो जाएगा।
पता: राजमंदिर, ब्रह्मा घाट, वाराणसी।
कब आएं घूमने: मंगलवार से रविवार सुबह 10:00 से शाम 5:00 बजे तक। सोमवार बंद।
एंट्री फीस: 50 रुपये।
जंतर मंतर वाराणसी
परिचय: दशाश्वमेध घाट के नजदीक वाराणसी का जंतर मंतर भी देखने लायक है, जिसका निर्माण सदियों पूर्व कराया गया था। महाराजा जयसिंह को खगोलीय चीजों में बड़ी रुचि थी और इसलिए उन्होंने इसे बनवाया था।
पता: दशाश्वमेध घाट, वाराणसी।
कब आएं घूमने: सुबह 6:00 से शाम 5:00 बजे तक।
एंट्री फीस: 15 रुपये।
वर्चुअल एक्सपीरियंशियल म्यूजियम
परिचय: आप वाराणसी के म्यूजियम (Varanasi museum) देखने के लिए निकले हैं और मान महल में स्थित वर्चुअल एक्सपीरियंशियल म्यूजियम न जाएं, तो आप बनारस की सबसे अद्भुत चीजों में से एक को देखना मिस कर जाएंगे। इस म्यूजियम की खासियत यह है कि यहां नए डिजिटल तरीके से आपको ऐतिहासिक चीजें देखने के लिए मिलती हैं।
पता: मनमंदिर घाट, बंगाली टोला, वाराणसी।
कब आएं घूमने: शुक्रवार से बुधवार सुबह 6:00 से शाम 6:00 बजे तक। गुरुवार बंद।
एंट्री फीस: भारतीय पर्यटकों के लिए 25 और विदेशियों के लिए 300 रुपये। भारतीय बच्चों (15 साल से कम) के लिए 15 रुपये।
और अंत में
यह बात है जरूर है कि वाराणसी अपने धार्मिक महत्व की वजह से दुनिया के मानचित्र पर विशेष स्थान रखता है, लेकिन वाराणसी के म्यूजियम (Varanasi museum) भी विशेष महत्व के हैं, क्योंकि ये इस पवित्र नगरी के स्वर्णिम इतिहास से इस दुनिया का परिचय करवाते हैं। इसलिए वाराणसी की यात्रा के दौरान इन म्यूजियम को घूमना तो एक बार बनता ही है।
पूछे जाने वाले आम सवाल
वाराणसी में घूमने वाला सबसे अच्छा म्यूजियम कौन-सा है?
वैसे तो वाराणसी के सभी म्यूजियम अपने आप में खास हैं, लेकिन सारनाथ म्यूजियम और भारत कला म्यूजियम पर्यटकों के बीच ज्यादा लोकप्रिय हैं।
BHU केवल स्टूडेंट्स के लिए ही खुला है या फिर सभी लोगों के लिए?
BHU में स्टूडेंट्स के साथ आम लोग भी जा सकते हैं, क्योंकि यह ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व की जगह है और दुनियाभर से पर्यटक यहां घूमने आते हैं।
वाराणसी के म्यूजियम में दाखिल होने के लिए क्या टिकट लेने पड़ते हैं?
वाराणसी के कई म्यूजियम में अंदर जाने के लिए टिकट लेने पड़ते हैं, लेकिन इनकी एंट्री फीस के बारे में आपको इनकी वेबसाइट चेक करके पता लगा लेना चाहिए।