हेरिटेज वॉक के रूप में वाराणसी में हुआ अमृत महोत्सव का आगाज
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने आज के ही दिन यानी कि 12 मार्च को वर्ष 1930 में अपनी दांडी यात्रा शुरू की थी। इसमें कोई शक नहीं कि बाद में इसने भारत की आजादी का मार्ग प्रशस्त किया देश को आजाद हुए अगले साल 15 अगस्त को 75 साल हो जाएंगे। ऐसे में केंद्र सरकार की तरफ से अमृत महोत्सव के नाम से कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होता रहेगा, जिसकी शुरुआत वाराणसी(Varanasi) में भी हेरिटेज वॉक (Heritage Walk in Varanasi) के रूप में हो गई है।
रानी लक्ष्मीबाई की जन्म स्थली से हुई शुरुआत
आज यानी कि 12 मार्च से देश की आजादी के 75 साल पूरे होने में 75 सप्ताह का वक्त बचा है। ऐसे में हेरिटेज वॉक वाराणसी(Varanasi) में रानी लक्ष्मीबाई की जन्मस्थली से शुरू हुआ, जो कि भदैनी में स्थित है। भारत पर्यटन कार्यालय की तरफ से इसका आयोजन किया गया।
बीएचयू के स्टूडेंट्स भी हुए शामिल
बड़ी संख्या में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के स्टूडेंट्स भी इस हेरिटेज वॉक का हिस्सा बने। अमृत महोत्सव के अंतर्गत हो रहे इस आयोजन के दौरान बीएचयू के पर्यटन विभाग के प्रोफेसर प्रवीण राणा ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने लोलार्क कुंड के वैज्ञानिक के साथ भौगोलिक एवं धार्मिक पहलुओं से भी अवगत कराया।
कर्मचारियों व अधिकारियों ने भी लिया भाग
अमृत महोत्सव को लेकर जो हेरिटेज वॉक का आयोजन शहर में हुआ, उसमें विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया। भदैनी से हेरिटेज वॉक की शुरुआत हुई और यह सुबह ए बनारस के मंच पर जाकर समाप्त हुई। रास्ते में हेरिटेज वॉक( Heritage Walk in Varanasi) लोलार्क कुंड और तुलसी अखाड़ा से भी गुजरा।
महत्व से भी कराया अवगत
हेरिटेज वॉक के दौरान जहां कई वक्ताओं ने इसके महत्व एवं उपयोगिता के बारे में बात की, वहीं कईयों ने बनारस में कुश्ती और अखाड़े की परंपरा के बारे में भी विस्तार से बताया। जिन लोगों ने इसमें हिस्सा लिया, पर्यटन कार्यालय के सूचना अधिकारी अनिल सिंह के साथ लिपिक भुवन पंत ने भी उनका अभिनंदन किया।
अमृत महोत्सव के बारे में भी इस दौरान लोगों को बताया गया और उनसे इसके अंतर्गत आयोजित होने वाले हर तरह के कार्यक्रम में शामिल होने की भी अपील की गई।